मुंबई, 07 अक्टूबर - इजराइल-ईरान तनाव और चीन के प्रोत्साहन पैकेज के दबाव के बीच स्थानीय स्तर पर चौतरफा बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार लगातार छठे दिन गिरते हुए डेढ़ माह के निचले स्तर पर आ गया।
बीएसई का सेंसेक्स 638.45 अंक (0.78 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 81,050.00 अंक पर बंद हुआ, जो कि एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर है। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 218.85 अंक (0.87 प्रतिशत) गिरकर 24,795.75 अंक पर आ गया। मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे मिडकैप 1.85 प्रतिशत गिरकर 47,019.08 अंक और स्मॉलकैप 3.27 प्रतिशत कमजोर होकर 54,117.72 अंक पर पहुंच गया।
इस दौरान बीएसई में 4178 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिसमें से 3422 में गिरावट जबकि 636 में तेजी रही। निफ्टी में भी 40 कंपनियों में बिकवाली और केवल 10 में लिवाली हुई। विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य-पश्चिम में बढ़ते तनाव के बावजूद वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार लचीले रहे हैं। अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था, जहां सितंबर में गैर-कृषि नौकरियों की संख्या 2.54 लाख रही, इस पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
बीएसई में विभिन्न क्षेत्रों के शेयरों में गिरावट का रुख रहा, जबकि आईटी और टेक में 0.46 प्रतिशत की हल्की तेजी देखी गई। इस दौरान कमोडिटीज, ऊर्जा, वित्तीय सेवाएं और अन्य क्षेत्रों में 2 प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के श्रम बाजार के आंकड़ों ने मंदी की आशंका को कम किया है, लेकिन ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है। इसने बेंचमार्क 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड को चार प्रतिशत तक बढ़ा दिया।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बाजारों में तेजी देखने को मिली, जबकि ब्रिटेन के एफटीएसई और जापान का निक्केई सकारात्मक रहे। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने 239 अंक की बढ़त के साथ 81,926.99 अंक पर शुरुआत की, लेकिन बिकवाली के दबाव में यह 80,726.06 अंक तक गिर गया।
सेंसेक्स की प्रमुख कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, एसबीआई, और पावरग्रिड को नुकसान हुआ, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा और आईटीसी जैसे कुछ शेयरों में हल्की तेजी आई।
कुल मिलाकर, बाजार में बिकवाली का दबाव बना हुआ है, जिससे निवेशकों में चिंताएं बढ़ी हैं।