आजमगढ़ समाचार। शहर के जालांधरी मोहल्ले की गढ़ही में घरों का पानी बहाए जाने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर पालिका पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की धनराशि को 15 दिनों के भीतर जमा करने का निर्देश दिया है। शहर से निकलने वाले गंदे पानी को शोधित कर नदी, पोखरे में छोड़ने की नगर पालिका के पास व्यवस्था नहीं है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण न होने से शहर के घरों से निकलने वाला गंदा पानी तमसा नदी या फिर शहर की पोखरों में जा रहा है। मोहल्ला जालांधरी की गढ़ही में बिना शुद्धिकरण के ही गंदा पानी छोड़ा जा रहा था। शिकायत एनजीटी में हुई थी। नगर पालिका पर पांच लाख रुपये प्रतिमाह की दर से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के संबंध में सात अगस्त 2024 को नपा को नोटिस दी गई। लेकिन नगर पालिका ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। इसके बाद प्रदूषण राज्य बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालय से जांच कराई। जांच में बायोरिमेडियेशन से पहले और बाद के नमूने को लेकर राज्य बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में भी जमा कराया गया। राज्य बोर्ड के आदेश पर फिर क्षेत्रीय कार्यालय ने बीते 30 सितंबर को जांच की गई। इस बार गढ़ही में गिरने वाली नालियां बंद मिली। लेकिन जल निगम की ओर से बनाई गई सीवर लाइन से नालियों को नहीं जोड़ा गया था। इसके कारण अभी भी नालियों के ओवरफ्लो होने की समस्या बनी हुई है। गंदे पानी के शुद्धिकरण की पर्याप्त व्यवस्था न किए जाने पर जुलाई से सितंबर तक पांच लाख रुपये प्रतिमाह की दर ने राज्य बोर्ड ने 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।